कैसे हुआ पाटलिपुत्र का उद्भव
आप सभी बिहार पटना के बारे में जानते होंगे। ये नाम कैसे हुआ और इसके पहले ये किस नाम से जाना जाता था। आज हम आपके साथ कैसे हुआ पाटलिपुत्र का उद्भव(जन्म) के बारे में संपूर्ण जानकारी साझा करते हैं।
पाटलिपुत्र के उद्भव के संबंध में व्हेनसांग लिखते हैं कि प्राचीन काल में यहां एक अति विद्वान और बुद्धिमान ब्राह्मण रहता था। उसके हजारों शिष्य थे। एक दिन सभी शिष्य मैदान में खेल रहे थे कि उनमें से एक छात्र कुछ उदास और खिन्न चित्त हो गया। उसके मित्रों ने इसका कारण पूछा तो उसने कहा कि युवा और बलवान होने के बावजूद उसका जो धर्म था उसे वह अभी तक पूरा नहीं कर सका और वह इसीलिए दुखी था। इस पर उसके मित्रों ने मजाक में कहा कि उसे अब एक पत्नी की तलाश करनी चाहिए।
मित्रों ने अपने में से दो को वर का माता पिता और दो मित्रों को कन्या का माता-पिता बनाया तथा वे लोग पाटलि(गुलाब) वृक्ष के नीचे बैठे थे इस कारण उस वृक्ष को उन्होंने दामाद का वृक्ष अर्थात छात्र के लिए बताया। विवाह की लग्न को नियत किया गया तथा कल्पित कन्या के पिता ने फूलों समेत वृक्ष की एक डाली लाकर विद्यार्थी के हाथ में दे दी और कहा-“यही तुम्हारी पत्नी है, इसे प्रसन्नता से स्वीकार करो”। उदास विद्यार्थी का मन खुश हो गया। सभी छात्र संध्या होते ही लौट गए किंतु युवा और बलवान छात्र ने प्रेम पाश में बंध कर उसी स्थान पर रहना निश्चित किया।
सूर्यास्त होने पर एक वृद्ध पुरुष और एक वृद्ध स्त्री वहां दिखाई पड़े, उनके साथ एक सुंदर कन्या थी। वृद्ध पुरुष ने कन्या को दिखाकर युवा और बलवान छात्र से कहा-“यही तुम्हारी पत्नी है”। वह छात्र उसी स्थान पर अपनी पत्नी के साथ 7 दिन रह गया और उसके मित्र जब उसे बुलाने आए तो वह नहीं गया।
कुछ दिनों बाद वह अपने संबंधियों से भेंट करने कुसुमपुर गया और सब कथा सुनाई। उसके साथ संबंधी भी वस्तु स्थिति देखने जब जंगल में पहुंचे तो देखा कि पाटलि वृक्ष के स्थान पर एक भवन तैयार हो चुका था और नौकर-चाकर इधर उधर काम में लगे थे। खानपान का अच्छा प्रबंध था। कुछ वर्ष बाद उसे एक पुत्र हुआ, जंगल में और भी मकान बनाए गए।
वही स्थान नवीन राजधानी के लिए पसंद किया गया और पाटलिवृक्ष के पुत्र के नाम पर नगर का नाम पाटलिपुत्र हो गया। इस प्रकार पाटलिपुत्र का उद्भव हुआ।
वही सैमुअल बोल बताते हैं कि कालांतर में अशोक ने राजगृह को परिवर्तित करके पाटलिपुत्र को राजधानी बनाई। वायु पुराण को आधार मानते हुए बोल लिखते हैं कि कुसुम या पाटलिपुत्र का उद्भव अजातशत्रु के पौत्र उद्यशव का बसाए हुए शहर से हुआ था।
पाटलिपुत्र का नाम पटना किसने रखा
वर्तमान में यह शहर बिहार की राजधानी पटना है, पुराने कथाओं के अनुसार राजा पत्रक को इसका जनक कहा जाता है। जो अपने समृद्ध इतिहास और वर्तमान में अपने ऐतिहासिक स्थलों के लिए मशहूर है।
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